Image Credit : Pixabay
वैश्विक महामारी कोविड-19 के निदान के लिए नित नए शब्द सुनने को आते है. शरीर में रोग प्रतिरोधकता बढ़ाने के लिए देशव्यापी टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है. इस दौरान कोविड-19 से ठीक हो चुके व्यक्ति द्वारा अपने प्लाज्मा का दान (Plasma Donation) कर दुसरे रोगियों की जान बचाने की बात कही जा रही है. आइये एक प्रश्नोत्तरी के माध्यम से जानते है की प्लाज्मा क्या है? तथा इससे जुड़े कुछ प्रश्नों के उत्तर-
प्रश्न-रक्त क्या है?
उत्तर- रक्त (Blood) : जीवधारियों के शरीर का सबसे महत्वपूर्ण तथा विभिन्न भागों में बहने वाला एक द्रव पदार्थ है रक्त शरीर के समस्त अंगों तथा समस्त भागों में बहता रहता है इसलिए इसे तरल संयोजी ऊतक (Connective Tissue ) भी कहते हैं यह चिपचिपा क्षारीय तथा लाल रंग का द्रव है. रक्त का लाल रंग इसमे पाए जाने वाले हिमोग्लोबिन (Hemoglobin )नामक पदार्थ के कारण होता है
प्रश्न-प्लाज्मा क्या है?
उत्तर-हमारे खून (Blood) में चार प्रमुख चीजें होती हैं. डब्ल्यूबीसी, आरबीसी, प्लेटलेट्स और प्लाज्मा. आजकल किसी को भी होल ब्लड (चारों एक साथ) नहीं चढ़ाया जाता. बल्कि इन्हें अलग-अलग करके जिसे जिस चीज की ज़रूरत हो वो चढ़ाया जाता है. प्लाज्मा, खून में मौजूद 55 फीसदी से ज्यादा हल्के पीले रंग का पदार्थ होता है, जिसमें पानी, नमक और अन्य एंजाइम्स होते हैं. ऐसे में किसी भी स्वस्थ मरीज जिसमें एंटीबॉडीज़ विकसित हो चुकी हैं, का प्लाज़्मा निकालकर दूसरे व्यक्ति को चढ़ाना ही प्लाज्मा थेरेपी है.
प्रश्न-प्लाज्मा कार्य क्या है?
- ऊतकों को आक्सीजन पहुँचाना।
- पोषक तत्वों को ले जाना जैसे ग्लूकोस, अमीनो अम्ल और वसा अम्ल (रक्त में घुलना या प्लाज्मा प्रोटीन से जुडना जैसे- रक्त लिपिड)।
- उत्सर्जी पदार्थों को बाहर करना जैसे- यूरिया कार्बन, डाई आक्साइड, लैक्टिक अम्ल आदि।
- प्रतिरक्षात्मक कार्य।
उत्तर-नहीं! जो लोग कोरोना होने के बाद ठीक हो चुके हैं. उनके अंदर एंटीबॉडीज विकसित हो चुकी हैं. सिर्फ वे ही लोग ठीक होने के 28 दिन बाद प्लाज्मा दान कर सकते हैं.
प्रश्न-प्लाज्मा देने वाले को क्या खतरे हो सकते हैं?
उत्तर-प्लाज्मा देने वाले को कोई खतरा नहीं है. बल्कि यह रक्तदान से भी ज्यादा सरल और सुरक्षित है. प्लाज्मा दान करने में डर की कोई बात नहीं है. हीमोग्लोबिन भी नहीं गिरता. प्लाज्मा दान करने के बाद सिर्फ एक-दो गिलास पानी पीकर ही वापस पहली स्थिति में आ सकते हैं.
प्रश्न-रक्तदान और प्लाज्मा दान में क्या अंतर है?
उत्तर-450 ML प्लाज्मा लेने में 30 से 45 मिनट लगते हैं
प्रश्न-प्लाज्मा थैरेपी क्या होती है?
उत्तर-जो व्यक्ति कोविड-19 से ठीक हो गए है। उनकी बॉडी से खून निकालकर प्लाज्मा को अलग किया जाता है। जिस कोविड पैशेंट की बॉडी से प्लाज्मा लिया जाता है उसके ब्लड में एंटीबाडीज होती है। वह एंटीबाडीज एंटीजन से लड़ने में मदद करती है। यह एंटीबाडीज कोविड संक्रमितों को दी जाती है। डॉ के मुताबिक एक इंसान के प्लाज्मा से दो इंसानों का इलाज किया जा सकता है।
प्रश्न-प्लाज्मा डोनेट कौन कर सकता है?
उत्तर. कोविड-19 के मामले में, एक प्लाज्मा देने वाले को तकरीबन 28 दिनों में संक्रमण से उबर जाना चाहिए और 18 से 60 वर्ष की आयु के अंदर ही होना चाहिए। डोनर का वजन कम से कम 50 किलोग्राम होना चाहिए और उस समय वह किसी भी संक्रामक या पुरानी बीमारियों से पीड़ित नहीं होना चाहिए।
प्रश्न. कोंन लोग प्लाज्मा दान नहीं कर सकते है?
उत्तर .जिनका वजन 50 किलो से कम है वह प्लाज्मा डोनेट नहीं कर सकते जो महिला पूर्व में प्रेगनेन्ट रह चुकी हो वह भी प्लाज्मा डोनेट नहीं कर सकती कैंसर का मरीज प्लाज्मा डोनेट नहीं कर सकता हाइपरटेंशन, ब्लड प्रेशर, हार्ट और किडनी से जुड़ी बीमारी वाले प्लाज्मा दान नहीं कर सकते.
उत्तर-रक्तदान में आपके शरीर से पूरा खून लिया जाता है. जबकि प्लाज्मा में आपके खून से सिर्फ प्लाज्मा लिया जाता है और रेड ब्लड सेल्स, व्हाइट ब्लड सेल्स और प्लेटलेट्स वापस आपके शरीर में पहुंचाए जाते हैं. ऐसे में प्लाज्मा दान से शरीर पर कोई बहुत फर्क नहीं पड़ता हैं
प्रश्न-प्लाज्मा दान में कितना समय लगता है?
"वह योग्य लोग जिनको कोविड से ठीक हुए 28 दिन से अधिक समय हो गया है वह प्लाज़्मा जरूर दान करें, आपके इस कदम से 2 व्यक्तियों की जिंदगी बच सकती है."
1 Comments
बहुत उपयोगी जानकारी 🙏🏼🙏🏼👍👍
ReplyDelete