Know about Corona Virus Q&A

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Corona Virus से होने वाली बीमारी कोविड-19 के संबंध में हर व्यक्ति चिंतित है। हर कोई इसके बारे में सही जानकारी प्राप्त करना चाहता है। लेकिन सोशल मीडिया पर अधकचरा जानकारी से हमारा भ्रम तो दूर नही होता अपितु हमें गलत जानकारी प्राप्त हो सकती है। यह गलत व अधकचरा जानकारी हमारे लिए घातक हो सकती है।  आइये इस प्रश्नों  को ध्यानपूर्वक पढ़ कर सही जानकारी प्राप्त करते ।

प्रश्न :- कोरोना वायरस क्या है?

कोरोनावायरस (Coronavirus) कई प्रकार के विषाणुओं (वायरस) का एक समूह है जो स्तनधारियों और पक्षियों में रोग उत्पन्न करता है। यह आरएनए वायरस होते हैं। इनके कारण मानवों में श्वास तंत्र संक्रमण पैदा हो सकता है जिसकी गहनता हल्की (जैसे सर्दी-जुकाम) से लेकर अति गम्भीर (जैसे, मृत्यु) तक हो सकती है।

प्रश्न :- क्या कोरोना वायरस को ख़त्म किया जा सकता है?

उत्तर:- नहीं! कोरोना वायरस एक निर्जीव कण है जिस पर प्रोटीन की सुरक्षा-परत चढ़ी हुई होती है। यह कोई ज़िन्दा चीज़ नहीं है, इसलिये इसे मारा नहीं जा सकता है। बल्कि यह ख़ुद ही कण-कण होकर ख़त्म होता है।

प्रश्न :-. कोरोना वायरस के विघटन कण-कण होकर ख़त्म होने में कितना समय लगता है?

उत्तर:- कोरोना वायरस के विघटन  इसके आसपास कितनी गर्मी या नमी है? या जहाँ ये मौजूद है, उस जगह की परिस्थितियां क्या हैं? इत्यादि बातों पर निर्भर करता है।

प्रश्न:-इसे कण-कण में कैसे विघटित किया जा सकता है?

उत्तर:- कोरोना वायरस बहुत कमज़ोर होता है। इसके ऊपर चढ़ी प्रोटीन की सुरक्षा-परत फाड़ देने से यह ख़त्म हो जाता है। ऐसा करने के लिये साबुन या डिटर्जेंट के झाग सबसे ज़्यादा प्रभावी होते हैं। 20 सेकंड या उससे ज़्यादा देर तक साबुन/डिटर्जेंट लगाकर हाथों को रगड़ने से इसकी सुरक्षा-परत फट जाती है और ये नष्ट हो जाता है। इसलिये अपने शरीर के खुले अंगों को बार-बार साबुन व पानी से धोना चाहिये, ख़ास तौर से उस वक़्त जब आप बाहर से घर में आए हों।

प्रश्न :- क्या गरम पानी के इस्तेमाल से इसे ख़त्म किया जा सकता है?

उत्तर:- हाँ! गर्मी वसा को जल्दी पिघला देती है। इसके लिये कम से कम 25 डिग्री गर्म (गुनगुने से थोड़ा तेज़) पानी से शरीर के अंगों और कपड़ों को धोना चाहिये। छींकते या खाँसते वक़्त इस्तेमाल किये जाने वाले रुमाल को 25 डिग्री या इससे ज़्यादा गर्म पानी से धोना चाहिये। गोश्त, चिकन या सब्ज़ियों को भी पकाने से पहले 25 डिग्री तक के पानी में डालकर धोना चाहिये।

सामान्यतः प्राकृतिक फैट को गलाने के लिए भी 25 डिग्री सेंटीग्रेड से कहीं अधिक तापमान की आवश्यकता होती है। 25 डिग्री सेंटीग्रेड याने लगभग कमरे के तापमान पर फैट को गलने में समय ज़्यादा लगता है । समय को घटाने के लिए तापमान  को बढ़ाया जाता है या दाब के फलन में परिवर्तन किया जाता है । ये 35 से 40 डिग्री या उसके आसपास तापमान के गुनगुने पानी से ख़ासकर सब्जियों को धोकर धूप में 15से 25 मिनट तक सुखाया जाता है तो उपयुक्त रहता है। इंदौर स्थित अरबिंदो हॉस्पिटल के  डॉक्टर अजय सोडानी की रिसर्च में फल और सब्जियों को संक्रमित मरीजों के पास देकर खाँसने, छींकने के उपरांत इन्हें सूर्य के प्रकाश में रखकर वायरस की उपस्थिति की जांच की गई थी । जांच में इस तरह से  वायरस की उपस्थिति नही पाई गई । उस रिसर्च में धूप में तापमान के साथ प्रकाश  स्पेक्ट्रम का रोल महत्वपूर्ण था। सामान्यतः कोरोना परिवार के अधिकतर प्राकृतिक वायरस को इस प्रकार से फैट गलाकर खत्म किया जा सकता है लेकिन सार्स कोविड -2  वायरस के फैटी भाग को 65 से 80 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान को कुछ समय 10 मिनट से अधिक   रखकर ही गलाया जा सकता है। इसीलिए सब्जियों को अच्छी तरह से  पका लेना उपयुक्त होता है। दृश्य प्रकाश स्पेक्ट्रम का एक विशेष भाग वायरस के मल्टीपल होने की रफ़्तार में बाधक हो रहा है इसीलिए मरीजों को प्रातः एक घंटे तक सूर्य के प्रकाश में बैठने को कहा जाता है। (सोर्स: श्री लखन मालवीय)

प्रश्न :- क्या एल्कोहल मिले पानी (सैनीटाइजर) से कोरोना वायरस की सुरक्षा-परत को तोड़ा जा सकता है?

उत्तर:- हाँ! लेकिन उस सैनीटाइजर में एल्कोहल की मात्रा 65 प्रतिशत  से ज़्यादा होनी चाहिये तभी यह उस पर चढ़ी सुरक्षा-परत को पिघला सकता है, वरना नहीं।

प्रश्न:-क्या ब्लीचिंग केमिकल युक्त पानी से भी इसकी सुरक्षा-परत तोड़ी जा सकती है?

उत्तर:- हाँ! लेकिन इसके लिये पानी में ब्लीच की मात्रा 20 % होनी चाहिये। ब्लीच में मौजूद क्लोरीन व अन्य केमिकल कोरोना वायरस की सुरक्षा-परत को तोड़ देते हैं। इस ब्लीचिंग-युक्त पानी का उन सभी जगहों पर स्प्रे करना चाहिये जहाँ-जहाँ हमारे हाथ लगते हैं। टीवी के रिमोट, लैपटॉप और मोबाइल फ़ोन को भी ब्लीचिंग-युक्त पानी में भिगोकर निचोड़े गये कपड़े से साफ़ करना चाहिये।

प्रश्न:- क्या कीटाणुनाशक दवाओं के द्वारा कोरोना वायरस को ख़त्म किया जा सकता है?

उत्तर:- नहीं! कीटाणु सजीव होते हैं इसलिये उनको एंटीबायोटिक यानी कीटाणुनाशक दवाओं से ख़त्म किया जा सकता है लेकिन वायरस निर्जीव कण होते हैं, इन पर एंटीबायोटिक दवाओं का कोई असर नहीं होता। यानी कोरोना वायरस को एंटीबायोटिक दवाओं से ख़त्म नहीं किया जा सकता।

प्रश्न:-क्या कोरोना वायरस हवा में मौजूद हो सकता है? अगर हाँ तो ये कितनी देर तक विघटित हुए बिना रह सकता है?

उत्तर:- जिन चीज़ों का सवाल न. 08 में ज़िक्र किया गया है उनको हवा में हिलाने या झाड़ने से कोरोना वायरस हवा में फैल सकता है। कोरोना वायरस हवा में तीन घण्टे तक रह सकता है, उसके बाद ये ख़ुद-ब-ख़ुद विघटित हो जाता है।

प्रश्न:- किस तरह का माहौल कोरोना वायरस के लिये फायदेमंद है और किस तरह के माहौल में वो जल्दी विघटित होता है?

उत्तर:- कोरोना वायरस क़ुदरती ठण्डक या AC की ठण्डक में मज़बूत होता है। इसी तरह अंधेरे और नमी (Moisture) वाली जगह पर भी ज़्यादा देर तक बाक़ी रहता है। यानी इन जगहों पर जल्दी विघटित नहीं होता। सूखा, गर्म और रोशनी वाला माहौल कोरोना वायरस के जल्दी ख़ात्मे में मददगार है।* इसलिये जब तक इसका प्रकोप है तब तक AC या एयर कूलर का इस्तेमाल न करें।

प्रश्न:-सूरज की तेज़ धूप का कोरोना वायरस पर क्या असर पड़ता है?

उत्तर:- सूरज की धूप में मौजूद अल्ट्रावायलेट किरणें कोरोना वायरस को तेज़ी से विघटित कर देती है यानी तोड़ देती है क्योंकि सूरज की तेज़ धूप में उसकी सुरक्षा-परत पिघल जाती है। इसीलिये चेहरे पर लगाए जाने वाले फेसमास्क या रुमाल को अच्छे डिटर्जेंट से धोने और तेज़ धूप में सुखाने के बाद दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है।

प्रश्न:-क्या हमारी चमड़ी (त्वचा) से कोरोना वायरस शरीर में जा सकता है?

उत्तर:- नहीं! तंदुरुस्त त्वचा से कोरोना संक्रमण नहीं हो सकता। अगर त्वचा पर कहीं कट लगा है या घाव है तो इसके संक्रमण की संभावना है।

प्रश्न:-क्या सिरका मिले पानी से कोरोना वायरस विघटित हो सकता है?

उत्तर:- नहीं! सिरका कोरोना वायरस की सुरक्षा-परत को नहीं तोड़ सकता। इसलिये सिरका वाले पानी से हाथ-मुंह धोने से कोई फ़ायदा नहीं है।

प्रश्न:- कोरोना वायरस किस जगह पर कितनी देर तक बाक़ी रहता है?

उत्तर:-

कपड़ों पर : 03 घण्टे तक

तांबा पर : 04 घण्टे तक

कार्डबोर्ड पर : 24 घण्टे तक

अन्य धातुओं पर : 42 घण्टे तक

प्लास्टिक पर : 72 घण्टे तक

इस समयावधि के बाद कोरोना वायरस ख़ुद-ब-ख़ुद विघटित हो जाता है। लेकिन इस समयावधि के दौरान किसी इंसान ने उन संक्रमित चीज़ों को हाथ लगाया और अपने हाथों को अच्छी तरह धोये बिना नाक, आँख या मुंह को छू लिया तो वायरस शरीर में दाख़िल हो जाएगा और एक्टिव हो जाएगा।

नोट:- कपड़ा, दरवाजा, घंटी का बटन, जूता चप्पल,थैला, गाड़ी का हेंडल, चाबी, गिलास, सब्जी, फल, मुद्रा, आदि बाहरी संपर्क में आने के बाद आंख, कान, नाक,मुंह एवम गुप्त अंगों को ना छुए।



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2 Comments

  1. बेहद सार्थक, उपयोगी, सरल एवं सटीक जानकारी सरजी।
    बहुत बहुत साधुवाद 🙏🙏

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    1. आपको जानकारी पसंद आई बहुत बहुत धन्यवाद

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