Book Review by Shri Rajeev Sharma IAS


हमारे पास आस्था बची है उसके पीछे का विज्ञान विस्मृत हो गया है। विज्ञान रहित ज्ञान कैसे अंध विश्वास बनकर पाखंडियों के हाथ का हथियार बन जाता है हम रोज देखते हैं वैसे ही जैसे अंतरदृष्टि से वंचित ज्ञान धर्म को अफीम घोषित कर स्वयं स्मैक में बदल जाता है। दो अतियों के बीच छुपे हुए सच को पुनः अनावृत करने का सुन्दर प्रयास है यह पुस्तक. हमारे शाजापुर के श्रेष्ठ विज्ञान शिक्षक श्री ओम प्रकाश पाटीदार की यह पुस्तक पठनीय है।

सरल सुबोध भाषा में दैनिक जीवन से जुड़े विज्ञान को बताती तीन सौ रूपये की यह क़िताब हर घर में होना चाहिये. एशियन प्रेस बुक ने इसे शऊर से छापा है।

श्री पाटीदार शासकीय शिक्षक हैं, मप्र शासन और भारत शासन से कई बार पुरस्कृत हैं। हमें ऐसे समर्पित शिक्षकों पर गर्व है।

राजीव शर्मा IAS
आयुक्त शहडोल संभाग


संक्षिप्त परिचय:
श्री राजीव शर्मा IAS (पूर्व कलेक्टर शाजापुर एवं आयुक्त हाथकरघा एवं वर्तमान में आयुक्त शहडोल संभाग) बहुआयामी व्यक्तिव के धनी,मौलिक विचारक,प्रखर वक्ता,पुस्तक प्रेमी, यायावर, विज्ञान प्रेमी, वन्यजीव चित्रकार, कलाविद, कवि तथा उपन्यासकार और न जाने कितने क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुके है।
आप तीन कविता-संग्रह ‘उम्र की इक्कीस गलियाँ’, ‘धूप के ग्लेशियर’ तथा ‘प्रिज्म’। मंडला जिले के इतिहार पर आधारित पुस्तक ‘युगयुगीन मंडला’ तथा बहुचर्चित ( Best Seller) उपन्यास विद्रोही सन्यासी तथा अद्भुत सन्यासी के लेखक है।

प्रस्तावित पुस्तके: सम्राटों का सम्राट सहस्त्रबाहु, ओ.....शो, बाधवगढ़ की चिरैया, बांधवगढ़ के राजा बाघ
छायांकन : कान्हा और बांधवगढ़ के जंगलों में सौ से ज्यादा प्रजातियों का छायांकन। गिर के सिंहों, मदुमलाई-बाँदीपुर के बाघों, चंबल के घडि़यालों, सुंदरवन सतपुड़ा, कॉर्बेट, पेंच, मेलघाट सहित दुनिया भर के अभ्यारण्यों का सान्निध्य। छायाचित्र प्रदर्शनी ‘Birds of Bandhavgarh’.

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