श्री सुनील दिवाकर
बहुत दिनों बाद एक अच्छी पुस्तक पढ़ने को मिली इस पुस्तक को पढ़ने के बाद इसके दूसरे खंड को पढ़ने के लिए मन स्वतः ही आकर्षित हो जाता है। इस पुस्तक के आने के बाद एक बार फिर हम google बाबा से पुस्तक की और आकर्षित हो रहे है।
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