श्री सुनील नामदेव शाजापुर
पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही मान्यताओं एवं अंधविश्वासों को दरकिनार करते हुए उनका सहज और बोलचाल की भाषा में स्पष्टीकरण समेटते हुए यह अनूठी पुस्तक मानव जिज्ञासाओं को शांत करती है। इस पुस्तक को पढ़ने हेतु हमें बच्चों एवं एवं युवाओं को प्रेरित करना चाहिए ।
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